लेखनी कहानी - अघोरी - डरावनी कहानियाँ
अघोरी - डरावनी कहानियाँ
मेरे चाचा अपने समय में काफी आवारा हुआ करते थे! दिन भर दोस्तों के साथ घुमते रहते थे और रात बारह – एक बजे से पहले वह कभी घर नहीं आते थे! घर वाले उनसे काफी परेशान रहते थे! मगर उनपर समझाने का कोई कोई असर नहीं पड़ता था!
एक रात वह अपने दोस्त के साथ नदी किनारे घूम रहे थे! वहां एक अघोरी बाबा रहते थे! चाचा और उनके दोस्त उन्हें छेड़ने के मकसद से उनके पास बैठ गए! उन्होने पहले तो उनके साथ बैठ के शराब पी फिर इधर उधर की बातें कर के उन्हें परेशान करने लगे! बातों बातों में भूत का विषय छिड गया! चाचा ने बाबा से भूत दिखने को कहा! पहले तो बाबा टालते रहे मगर चाचा अडे रहे तो बाबा राजी हो गए! उन्होंने उनके चारों तरफ एक गोला बनाया और कहा चाहे जो भी हो बाहर मत जाना!
बाबा ने मन्त्र जपना शुरू किया! चाचा और उनके दोस्त उस समय मंद मंद मुस्कुरा रहे थे क्यूंकि उनको ये मजाक लग रहा था! अचानक छम छम की आवाज़ आई और एक औरत वहां आकर नाचने लगी! उसके बाद अचानक दो और औरतें वहां आ गयी और वह भी नाचने लगी! ये देख चाचा और उनके दोस्त की सिट्टी पिट्टी गोल हो गई! दोनों का नशा एक पल में गायब हो गया! वह दोनों डर के मारे वहां से भागने लगे! मगर नाचती औरतों ने अपना नाच छोड़ उनको घेर लिया और उनके चारों ओर घूमने लगी! वह उनकी तरफ बहुत ही भयानक तरह से देख रही थी, जैसे वह उन्हें वहां बुलाये जाने से नाराज हो! वह दोनों वहीँ पर बेहोश हो गये! सुबह जब होश आया तो वहां सिर्फ अघोरी बाबा ही थे! उन्होंने औरतों के बारे में पूछा तो बाबा ने बताया कि उन्होंने उन्हें भगा दिया!
दोनों ने बाबा के पैर छुये ओर वहां से भाग गये! उस दिन के बाद चाचा ने रात को देर से आना बंद कर दिया!